Chaitra Navratri 2024: कब है चैत्र नवरात्रि? जानिए- तिथि, पूजा विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त | नवरात्रि की महिमा जाने

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि हिंदू महीने चैत्र में मनाया जाने वाला नौ दिन का हिंदू त्योहार है, जो आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल में पड़ता है। चैत्र नवरात्रि के दौरान, भक्त हिंदू देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, अच्छे स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। त्योहार दसवें दिन समाप्त होता है, जिसे रामनवमी के रूप में मनाया जाता है

चैत्र नवरात्रि के दौरान, भक्त उपवास करते हैं और देवी का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष पूजा अनुष्ठान करते हैं। यह त्योहार भारत के कुछ हिस्सों में गरबा और डांडिया रास जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि के दौरान व्रत रखने और पूजा अनुष्ठान करने से मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध किया जा सकता है और आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त किया जा सकता है।

चैत्र नवरात्रि को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, क्योंकि यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और पूरे विश्व में हिंदुओं द्वारा बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि  प्रमुख हैं  और बाकी के दो गुप्त नवरात्रि है, 2024 में चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू और 17 अप्रैल 2024 को समापन होगा। इन 9 दिन के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की  विधि-विधान से पूजा की जाती है  जिसमें पहले दिन घटस्थापना की जाती है कुछ विद्वानों का मानना है  कि नवरात्रों में  देवी भगवती कहां पाठ करने से खास कृपा मिलती है साथ ही  मां दुर्गा को  सुख,  समृद्धि,  और धन की देवी भी माना जाता है जो भक्त अपनी पूरी श्रद्धा के साथ  मां दुर्गा की पूजा करते हैं  उन पर  मां दुर्गा की  असीम कृपा होती है

Chaitra Navratri 2024 | जानिए- तिथि, पूजा विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 

त्यौहार का नाम Chaitra Navratri 2024
कब माया जाता है 9 अप्रैल 2024 से
कैसे मनाया जाता है मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा करके
कहां मनाया जाता है पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है

 

 चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2024 Shubh Muhurat)

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  •  चैत्र नवरात्रि का शुभ आरंभ 9 अप्रैल 2024 को होगा
  •  चैत्र नवरात्रि के लिए  घटस्थापना का शुभ मुहूर्त:  सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा
  •  प्रतिपदा  तिथि प्रारंभ: 8 अप्रैल 2024 को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू
  •  प्रतिपदा तिथि  समापन:  9 अप्रैल 2024 को रात 8 बजकर 30 मिनट पर  समापन

Chaitra Navratri 2024 | Chitra Navratri Kab Hai 

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कलश की स्थापना कैसे करें | Chaitra Navratri 2024

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Kalash ki Stapana: कलश की स्थापना हिंदू धर्म में पूजा और अन्य शुभ अवसरों के दौरान बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहां विस्तृत तरीके से कलश की स्थापना करने का तरीका बताया गया है:

कलश स्थापना के लिए  आप  सबसे पहले  स्नान करके शास्त्र कपड़े पहने  फिर  मंदिर की सफाई  अच्छे से कर  ले  फिर उसमें  सफेद या लाल कपड़ा बिछाए इस कपड़े पे  थोड़े से  साबुत चावल रखें.  फिर एक मिट्टी के बर्तन में  जो को बो दें   फिर इस पात्र के ऊपर  जल से भरा हुआ  कलश  रखें  फिर कलश  पर  स्वास्तिक का चिन्ह बना कर  इसपर  कलावा  बांधे.

अब कलश में साबुत सुपारी,  सिक्का, और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखे  एक नारियल में लाल चुन्नी लपेटकर  इस पर भी कलावा बांधे  फिर इस नारियल को कलश के ऊपर रखते हुए मां देवी दुर्गा का  आवाहन करें  इसके बाद  दीपक जलाकर कलश की पूजा करें नवरात्रि में  देवी की पूजा के लिए  सोना,  चांदी,  तांबा,  मिट्टी का कलश मंदिर में स्थापित किया जाता है

 

चैत्र नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट (Chaitra Navratri Pujan Samagri List)

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो हिंदू महीने चैत्र (मार्च/अप्रैल) में देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग उपवास रखते हैं और देवी का आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं। चैत्र नवरात्रि के दौरान पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची यहां दी गई है:

अक्षत ( साबुत चावल ), चंदन (चंदन पेस्ट), हल्दी, कुमकुम , सिंदूर, फूल (विशेष रूप से गेंदा), धूप, मां दुर्गा की फोटो  या मूर्ति,  केसर,  कपूर,  वस्त्र,  दर्पण,  कंगी,  चूड़ी,  सुगंधित तेल, सुपारी साबुत,  हल्दी की गांठ,   पटरा,  चौकी,  चौकी के लिए लाल कपड़ा,  जटा नारियल  पानी वाला,  दुर्गा सप्तशती किताब,  आम के पत्ते, मेहंदी,  हिंदी,  पंचमेवा, घी, लोबान, लोंग,  कमल का फूल,  हवन कुंड,  बेलपत्र,  पूजा थाल,  गंगाजल,  फल,  मिठाई,  पान के पत्ते,   रूई  बत्ती,  अगरबत्ती,  माचिस, कलश, दीपक,  आम की लकड़ी,  जो,   तेल,  मौली,  फूलों की माला,  इलायची,  बताशे  या  मिश्री,  उपले,  दुर्गा चालीसा की किताब  इत्यादि

किस दिन होगी मां दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा ?  |  Chaitra Navratri 2024

chaitra navratri 2023

  • 9 अप्रैल 2024, बुधवार नवरात्रि का पहला दिन:  मां शैलपुत्री की पूजा (  घटस्थापना )
  • 10 अप्रैल 2024, गुरुवार नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी  की पूजा
  • 11 अप्रैल 2024,  शुक्रवार नवरात्रि का तीसरा दिन : मां चंद्रघंटा की पूजा
  • 12 अप्रैल 2024,  शनिवार नवरात्रि का चौथा दिन:  मां कूष्मांडा की पूजा
  • 13 अप्रैल 2024,  रविवार नवरात्रि का पांचवा दिन:  मां  स्कंदमाता की पूजा
  • 14 अप्रैल 2024,  सोमवार नवरात्रि का छठा दिन:  मां कात्यायनी की पूजा
  • 15 अप्रैल 2024,  मंगलवार नवरात्रि का सातवां दिन:  मां कालरात्रि की पूजा
  • 16 अप्रैल 2024,  बुधवार नवरात्रि का आठवां दिन:  मां महागौरी की पूजा
  • 17 अप्रैल 2024,  गुरुवार  नवरात्रि का नौवां दिन:  मां सिद्धिदात्री की पूजा

Chaitra Navratri 2024 FAQs

Q. नवरात्रि पूजा का क्या महत्व है?

नवरात्रि पूजा देवी दुर्गा की भक्ति दिखाने और उनका आशीर्वाद लेने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान पूजा करने और उपवास करने से भक्त आध्यात्मिक और भौतिक समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

Q. नवरात्रि पूजा कितने दिनों तक की जाती है?

नवरात्रि एक नौ दिवसीय त्योहार है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र और आश्विन के महीनों में साल में दो बार मनाया जाता है।

Q. नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है?

नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है। ये रूप हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।

Q. नवरात्रि पूजा के दौरान किए जाने वाले सामान्य अनुष्ठान क्या हैं?

नवरात्रि पूजा के दौरान सामान्य अनुष्ठानों में दीया (दीपक) जलाना, मंत्र पढ़ना, आरती करना (अग्नि से पूजा करना), फूल और मिठाई चढ़ाना और उपवास करना शामिल है।

Q. कौन कर सकता है नवरात्रि की पूजा?

नवरात्रि पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो देवी दुर्गा का आशीर्वाद लेना चाहता है। उम्र, लिंग या जाति पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं।

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