Gangaur Geet Lyrics in Hindi | गणगौर गीत Written in Hindi 2024

By | April 21, 2024
Gangaur Geet

Gangaur Geet/Song in Hindi: गणगौर भारतीय राज्य राजस्थान में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार है, और यह भगवान शिव की पत्नी गौरी को समर्पित है। त्योहार विशेष रूप से महिलाओं द्वारा बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो एक सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए देवी की पूजा करती हैं। त्योहार का एक प्रमुख आकर्षण गणगौर गीत है, जिसे महिलाओं द्वारा देवी की खूबसूरती से सजी मूर्तियों को ले जाने के दौरान गाया जाता है।

गणगौर गीत एक पारंपरिक लोक गीत है जिसे देवी गौरी की स्तुति में गाया जाता है। यह गीत आमतौर पर शाम को गाया जाता है, क्योंकि महिलाएं सजी हुई मूर्तियों के चारों ओर इकट्ठा होती हैं और एक स्वर में गाती हैं। गीत अक्सर ढोलक के साथ होता है, ड्रम जो गीत के लिए लय प्रदान करता है।

गणगौर गीत एक सुंदर और मधुर रचना है जो राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में डूबी हुई है। गीत आमतौर पर स्थानीय बोली में गाया जाता है, और गीत प्रतीकात्मकता और अर्थ से भरे हुए हैं। यह गीत देवी गौरी की सुंदरता और कृपा का जश्न मनाता है, और उनके आशीर्वाद और सुरक्षा के लिए उनकी प्रशंसा करता है।

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Gangaur Geet/Song in Hindi । गणगौर गीत के सबसे लोकप्रिय संस्करणों में से एक इस प्रकार है:

Gangaur Songs in Hindi । गणगौर गीत लिरिक्स | Gangaur Geet Lyrics-

ओड़ो कोड़ो छ रावलो ये राई चन्दन को रोख

ये कुण गौरा छै पातला ऐ कुणा माथ ऐ मोल

ईसरदास जी गोरा छ पातला ऐ ब्रह्मा माथे मोल

बाई थारो काई को रूसणो ये काई को सिंगार

बाई म्हारे सोना को रूसणों ऐ मोतिया रो सिंगार

अब जाऊँ म्हारे बाप के ऐ ल्याउली नौसर हार

चौसर हार गढ़ाए ,पाटे पुवाए गोरक सुधों मूंदडो ,

गोरा ईसरदास जी ब्रह्मदास जी जोगो मूंदडो ,

वाकी रानिया होए बाई बेटिया होए  आठ गढ़ाए पाटे पुवाए गोरक सुधो मूंदडो

गोरा चाँद ,सूरज ,महादेव पार्वती जोगो मूंदडो

गोरा मालन , माली ,पोल्या -पोली जोगो मूंदडो मूंदड़ो ,

(अपने घर वालों के नाम लेने है )

देखो मोरी सैया ए

ब्राम्हा दास जा क छाव की गणगौर ||

इशरदास ल्यया छ गणगौर

कानीराम ल्यया छ गणगौर ||

रोवाबाई क वीरा की गणगौर

झाला देती आव छ गणगौर ||

प्याला पीती आव छ गणगौर

मुजरा करता आव छ राठौर ||

उदयापुर स आई गणगौर

आई उतरी ब्राम्हादास जी रिपोल ||

इशरदासजी ओ मानडल्यों गणगौर

रोवा की भाभी पूज्यों गणगौर ||

सुहागन रानी पुज्यो गणगौर

थारो इशर म्हारी गणगौर ||

गोर मचा व रामझौल

सुहागन रानी पूज्यों गणगौर ||

गारा की गणगौर कुआ पर क्यों रे खड़ी है।

सिर पर लम्बे-लम्बे केश, गले में फूलों की माला पड़ी रे।। गारा की गणगौर…

चल्यो जा रे मूरख अज्ञान, तुझे मेरी क्या पड़ी रे।

म्हारा ईशरजी म्हारे साथ, कुआ पर यूं रे खड़ी रे।। गारा की गणगौर…

माथा ने भांवर सुहाय, तो रखड़ी जड़ाव की रे।

कान में झालज सुहाय, तो झुमकी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर…

मुखड़ा ने भेसर सुहाय, तो मोतीड़ा जड़ाव का रे।

हिवड़ा पे हांसज सुहाय, तो दुलड़ी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर…

तन पे सालू रंगीलो, तो अंगिया जड़ाव की रे।

हाथों में चुड़ला पहना, तो गजरा जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर…

पावों में पायल पहनी, तो घुंघरू जड़ाव का रे।

उंगली में बिछिया सुहाय, तो अनवट जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर…

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गणगौर गीत लिखे हुए | New Gangaur Geet

गौर गडासूं उतरी सरे हाथ कंवल सीर फूल

चोटी बासक बसरीयो सरे शीश नवो नारेल

ए म्हारी चंद्र गौरजा भलीए नादान गौरज्या

रतनारा खंवा दिस दूर सूं, म्हान आव आंचम्बो

लोडीरा मेहला राजींद क्यू गया

म्हारी पायल बाज मेहल चडतीरा बाज घुंधरा ॥ धृ ॥

गंवारा भवरा खिल सरे लिलवट आंगल चार

मृग सलोना लोचना सरे नाक सुवारी चोंच ।। ए म्हारी ।।

ए होठ फवारा सारीया सरे ए रंग डोलया गाल

जिभ कमलरी पाकली सरे दांत दाडमरा बीज ।। ए म्हारी ॥

ए हिवडे संचो डालीयो सरे बासो बजड किवाड

पसवाडा बिजल खिव सरे पेट पिंपलरो पान ।॥ ए म्हारी ।॥

ए मुँगफली सी आंगली सरे बांह चंपारी डाल

भौरो पुंछो गुदगुदो सरे कसीया कांकण हाथ ॥ ए म्हारी ।॥

ए पिडया अमलो सारीयो सरे जांग देवलरो थान

एडी चिलक आरसी सरे पंजो सटवा सुट ।। ए म्हारी ।। ए हिरण कुलसी पगतली सरे गीरीयो लाल गुलाल

कांई थान घडी ए सिलावट सरे काई थान लाल लौहार ।। ए म्हारी।।

नहीं म्हान घड़ा ए सिलावटा सरे नई म्हान लाल लौहार

जन्म दियो म्हारी मायडी सरे रूप दियो किरतार ।। ए म्हारी ॥

किनाजीरी डिकरी सरे किनाजी धर नार

हे हेमाचलरी डिकरी सरे इसरजी घर नार ।। ए म्हारी ।।

ए ऊंवा घालू बेसना सरे लुललुल लागू पाव

थाल भरयो जग मोतीया सरे गौरल पूजन जाय ।। ए म्हारी ।।

रे रंगरेज रंगीला इसरजीन रंगदे बागों केशरया

रंगरेज न प्यारी ए गौरलने रंगदे बाला चुंदंडी (२)

सड़क सड़क बिजली की रोसनी अम्बर में चमके तारा

संर करने निकली गौरज्या देख रहा है जग सारा (३)

सखी सब पूजन को जाती, सभी को सवाग भाग देती(गौर के दिन गाते है)(४)

इष्ट देव विनायक सुमरो महाराजन पुत्र देओ(५)

महाराजन पुत्र देओजी कोई सब दुनिया की साय करो (सिंजरे के दिन गाते है)

उडो हंस तुन जाओ गैगन पर खबरया लाओ म्हारा इसर की

खबरया लयाओ म्हारा इसरजी की कोई गांठया धूलरई रेशम की

इसर मेला फूल हुजारी मैं चंपाकी कली कली (उगादी के दिन गाते है)

चाँद चढ़यो गिरनार , किरत्यां ढल रही जी ढल रही

जा बाई रोवा घरा पधार माऊजी मारेला जी मारेला

बापू जी देवला गाल ,बडोड़ो बीरो बरजेलो जी बरजेलो ,

थे मत दयो म्हारी बाई न गाल ,बाई म्हारी चिड़कोली जी चिड़कोली।

आज उड़ पर बात सवार बाई उड़ ज्यासी जी उड़ ज्यासी ,

गोरायारं दिन चार जावईडो ले जासी जी ले जासी

(घर की बहन बेटियो का नाम लेना है )

हिंगलू भर बालद लाया रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

कौन के आंगन रालूं रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

ईसरजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

बाई गौरा कामन गाली रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

जिनने मोह्या ईसरजी गौरा रा, म्हारा मान गुमानी ढोला।

हिंगलू भर… कौन के आंगन… मान गुमानी ढोला।।

बासकजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

बाई नागन कामन गाली रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

जिनने मोह्या बासकजी नागन रा, म्हारा मान गुमानी ढोला।

हिंगलू भर… कौन के आंगन… मान गुमानी ढोला।

(इसी प्रकार सूरजजी- रामल, चांदकजी- सामल के नाम लेने के बाद अपने घर वालों, घर वाली के नाम लेकर गीत को आगे गाती जाएं।)

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गणगौर के गीत हिंदी में | Gangaur Geet In Hindi

म्हारा हरया ए ज्वारा ऐ , गेन्हूला सरस बध्या

गोरा ईसरदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया

गोरा ब्रह्मदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया

वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या

बाई रो सरस पोटलों ये ,गेंहूडा सरस बध्या

म्हारा हरिया ए ज्वारा ये गेन्हुला सरस बध्या

गोरा चाँद सूरज बाया ये वाकी रानी सींच लिया

वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या

बाई रो सरस पोटलो ये  गेन्हुला सरस बध्या

मालीदास जी  ,पोलीदास जी बाया ऐ वाकी रानी सींच लिया

वे तो सींच न जाने  ये आड़ा ऊबा सरस बध्या

(सभी घर वालों के नाम लेने हैं )

देखो मोरी सैया ए

ब्राम्हा दास जा क छाव की गणगौर ||

इशरदास ल्यया छ गणगौर

कानीराम ल्यया छ गणगौर ||

रोवाबाई क वीरा की गणगौर

झाला देती आव छ गणगौर ||

प्याला पीती आव छ गणगौर

मुजरा करता आव छ राठौर ||

उदयापुर स आई गणगौर

आई उतरी ब्राम्हादास जी रिपोल ||

इशरदासजी ओ मानडल्यों गणगौर

रोवा की भाभी पूज्यों गणगौर ||

सुहागन रानी पुज्यो गणगौर

थारो इशर म्हारी गणगौर ||

गोर मचा व रामझौल

सुहागन रानी पूज्यों गणगौर ||

नाना अमरसिंह पागां बांधे, पेंचा संवारे अजमेर।

नाना अमरसिंह मोती हो पहने, चूनी संवारे अजमेर।।

झाली जी एं खेलन दो गणगौर, खेलन दो गणगौर।

खेलन दो री हाड़ा राव की गणगौर, निरखन दो गणगौर।।

नाना अमरसिंह बागा हो पहने, कसना संवारे अजमेर।

नाना अमरसिंह कंठा हो पहने, डोरा संवारे अजमेर।

झाली जी एं खेलन दो गणगौर, खेलन दो गणगौर।

खेलन दो री हाड़ा राव की गणगौर, निरखन दो गणगौर।। 

(इसी प्रकार अन्य गहनों, वस्त्रों का नाम लेकर गाएं।)

 

Gangaur Geet Lyrics In Hindi

माथन भांवर घड़ा री गणगौर, घड़ा री गणगौर।

रखड़ी के ऊपर नम जाती री, जरा झुक जाती री।।

खीची राजा का लड़का ने पाटन लूटी री,

पटवारियां लूटी, रंगवाड़ियां लूटी री। खीची राजा…

मुखड़ा ने मेसर घड़ा री गणगौर, घड़ा री गणगौर।

मोतीड़ा के ऊपर नम जाती री, जरा झुक जाती।। खीची राजा…

(इसी प्रकार अन्य गहनों का वर्णन करें।)

सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार

म्हारी गार कसुम्बो रुदियो

सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो,

वांकी राण्या रो नवसर्‌यो हार म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो

वातो हार की छोलना उबरी बाई

सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो। 

(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)

गाढ़ो जोती न रणु बाई आया

यो गोडो कुण छोड़ोवे

गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा

वे थारी सेवा संभाले

सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे, सासरिये पोचावे

सासरिये नहीं जाँवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां

भाई खिलावां भतीजा खिलावां, तो भावज रा गुण गांवा

(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)

 

 

गणगौर गीत गाने | Gangaur Geet Song

प्यार मिल जाये पिया का प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

गौरी शंकर जी के जैसी जोड़ी बन जाए

हाँ ऐसी जोड़ी बन जाए

तोड़े से ना टूटे, छोड़े से ना छूटे

ऐसे बंध जाए, ऐसे बंध जाए

प्रीत हो जाए अमर ये

प्रीत हो जाए

प्रीत की रीत हो जाए

रंग में रंग जाए

सिंदूरी रंग में रंग जाए

हो हम भी ऐसे रंग जाए

गौरी मैया जैसे रंगी है

शिवजी के रंग में

ओ हम भी ऐसे रंग जाए

हम ने जो सपने बूने हैं

आंखो में जो सजे हैं

पूरे हो जाए, पूरे हो जाए

जन्मो जन्मो तक

पिया का साथ मिल जाए

पिया का साथ मिल जाए

प्यार मिल जाए पिया का प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

गौरी शंकर जी के जैसी जोड़ी बन जाए

हाँ ऐसी जोड़ी बन जाए

तोड़े से ना टूटे, छोड़े से ना छूटे

ऐसे बंध जाए, ऐसे बंध जाए

प्रीत हो जाए अमर ये

प्रीत जो जाए

प्रीत की रीत हो जाए

प्यार मिल जाए पिया का प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

गौरी शंकर जी के जैसी जोड़ी बन जाए

हाँ ऐसी जोड़ी बन जाए

प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

जोड़ी बन जाए

हाँ ऐसी जोड़ी बन जाए

प्यार मिल जाए

हाँ ऐसा प्यार मिल जाए

अल खल नदी जाय यो पाणी कहा जाय

आदो जाती अणया गलया आदो ईसर न्हासी

ईसर थे घरा पदारो गौरा जायो  बैटो

अरदा लाओ परदा ल्याओ बन्दर बाल लगाओ

सार कीए सूई भाभी पाट काए तागा

सीम दरजी बेटा ईसर जी का बागा

सीमा लार सीमा आला मोत्या की लड़ -जड़ पोउला थे चालो म्हे आवला।

ओ जी म्हारे आंगन कुवलो खुदा दो, जे को ठंडो पानी।।2।।

जूड़ो छोड़यो नहाबा बैठिया, ईसरजी की रानी।

रानी से पटरानी की जो, बोले अमृत वाणी।।

अमृत का दोई प्याला भरिया, कंकू की रे प्याली।

मीठो बोल्या हृदय बसिया, मन में हरक उछाव।। ओ जी म्हारे आंगन…

 जूड़ो छोड़यो नहाबा बैठिया, बासकजी की रानी।

रानी से पटरानी की जो, बोले अमृत वाणी।।

अमृत का दोई प्याला भरिया, कंकू की रे प्याली।

मीठा बोलिया हृदय बसिया, मन में हरक उछाव।। ओ जी म्हारे आंगन…

(इसी प्रकार देवताओं के बाद घर वालों के नाम लें।) 

 

FAQ’s Gangaur Geet 2024 | गणगौर गीत

Q. गणगौर पर्व क्या है?

गणगौर भारतीय राज्य राजस्थान में एक लोकप्रिय त्योहार है जो देवी पार्वती और उनके पति भगवान शिव के दिव्य प्रेम का जश्न मनाता है। यह मुख्य रूप से महिलाओं का त्योहार है, और उत्सव में पारंपरिक गणगौर गीत गाने सहित देवी की पूजा और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल हैं।

Q. गणगौर गीत क्या हैं?

गणगौर गीत पारंपरिक लोक गीत हैं जो गणगौर उत्सव के दौरान गाए जाते हैं। ये गीत आमतौर पर देवी पार्वती के प्रेम, विवाह और भक्ति के विषयों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। वे आमतौर पर त्योहार के दौरान विभिन्न अनुष्ठानों और समारोहों में महिलाओं द्वारा गाए जाते हैं।

Q. गणगौर के गीतों का क्या महत्व है?

गणगौर उत्सव में गणगौर गीत एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे उत्सव का माहौल बनाते हैं और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये गीत पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे हैं और राजस्थानी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।

Q. गणगौर गीत कितने प्रकार के होते हैं?

विभिन्न प्रकार के गणगौर गीत हैं, जिनमें घूमर, घुड़ला, तेजाजी और कांवर गीत शामिल हैं। प्रत्येक प्रकार के गीत की अपनी अनूठी शैली और बोल होते हैं, लेकिन वे सभी देवी पार्वती और भगवान शिव के दिव्य प्रेम का जश्न मनाने के सामान्य विषय को साझा करते हैं।

Q. गणगौर के कुछ लोकप्रिय गीत कौन से हैं?

गणगौर के कुछ लोकप्रिय गीतों में "घूमर," "पधारो म्हारे देस," "केसरिया बालम," और "म्हारी घूमर चे नखराली" शामिल हैं। ये गीत आमतौर पर ढोलक, मंजीरा और हारमोनियम जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ होते हैं।

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