लोहड़ी पर निबंध | Lohri Essay In Hindi 2024 | 5 & 10 Lines Essay On Lohri In Hindi & English | 100, 200, 300 Words Nibandh

By | April 21, 2024
Lohri Essay In Hindi

Lohri Essay In Hindi: लोहड़ी, भारतीय कैलेंडर में मकर संक्रांति के त्योहारों में से एक है, जो पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली क्षेत्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यत: फसलों की प्रशंसा के लिए आयोजित किया जाता है और साथ ही एक विशेष तरीके से बनी बोनफायर के चारों ओर हुई नृत्य-संगीत की धूमधाम से भरी होती है।

इस निबंध में हम (Lohri Festival Essay) लोहड़ी के महत्व को समझेंगे, जिसमें यह दिखाया गया है कि यह कैसे एक सामाजिक और कृषि समृद्धि का उत्सव है। इसके साथ ही, हम जानेंगे कि इसे कैसे मनाया जाता है, लोग इसे कैसे तैयारी करते हैं और क्या-क्या रीति-रिवाज़ इसमें शामिल होते हैं। (Lohri par Nibandh) लोहड़ी का यह पर्व हमें अपने सांस्कृतिक धरोहर की गहरी महक महसूस कराता है और साथ ही हमारे समृद्धि और समृद्धि की कामना करता है।

तो चलिए आजकल एक शुरू करते हैं और जानते हैं लोहड़ी पर निबंध जिस बच्चे स्कूलों में प्रयोग कर सकते हैं और बड़े लोग लोहड़ी से संबंधित जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं तो चलिए आज का लेख शुरू करते हैं – लोहड़ी पर निबंध in hindi

lines about lohri | Lohri Essay In Hindi

lohri

टॉपिक लोहड़ी पर निबंध | 5 Lines Essay On Lohri In Hindi | लोहड़ी पर निबंध हिंदी में
लेख प्रकार आर्टिकल
साल 2024
लोहड़ी  13 जनवरी
वार शनिवार
उद्देश्य लोहड़ी: सूरज की किरणों का स्वागत करने, खुशियों और एकता के साथ परिवार का मिलन समर्पित करने का उत्साही त्योहार।

लोहड़ी पर निबंध | Lohri Essay In Hindi

लोहड़ी पर्व हिन्दी कैलेंडर में माघ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह पंजाबी समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे खेती-बाड़ी के साथ-साथ खुशियों और मिठास का उत्कृष्ट संबंध होता है। लोहड़ी का आयोजन भले ही पंजाब राज्य में सबसे अधिक हो, लेकिन यह देशभर में बहुत सारे राज्यों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

लोहड़ी का मौसम ठंडक और खुशियों से भरा होता है, जिसमें लोग अपने दोस्तों और परिवारवालों के साथ मिलकर खुशी मनाते हैं। इस त्योहार का मुख्य त्योहारी आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में धूमधाम से मनाया जाता है।

लोहड़ी का मुख्य उद्देश्य सूर्य की पूजा करके रात्रि को आते हुए ठंड से बचने का है। इस दिन लोग अपने घरों के आंगनों में बड़े चर्चित अग्नि कुंड का आयोजन करते हैं और वहां खाद्य बनाते हैं। लोग मिलकर गाते-खेते हुए इस दिन को खास बनाते हैं। लोहड़ी के मौके पर लोग खुश होकर एक दूसरे के साथ खेतों में गाने गाते हैं, जिससे एक अद्वितीय और खास माहौल बनता है।

इस त्योहार के एक अनूठे पहलुओं में से एक है लोहड़ी की बोनफायर या लोहड़ी का आगजनी। इसमें लोग एक साथ बैठकर धूप, बत्ती और खुले में अग्नि लगाते हैं और एक दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं।

लोहड़ी का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है खासतर से बच्चों के लिए, जिन्हें इस दिन खास तौर से तोहफे मिलते हैं। लोग एक दूसरे को मिठाई, खिलौने और बच्चों को कपड़े देते हैं।

इस प्रकार, लोहड़ी एक ऐसा त्योहार है जो व्यक्ति को संगीत, नृत्य, खुशी और साथीयों के साथ समृद्धि का अहसास कराता है। यह एक समृद्धि और खुशी भरा त्योहार है जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और जो लोगों को एक-दूसरे के साथ मिलकर आपसी बोंडिंग करने का मौका देता है।

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Lohri Festival Essay | Short Essay On Lohri In Hindi

लोहड़ी त्योहार एक खास पंजाबी त्योहार है जो पूरे भारत में बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से सर्दी के मौसम में मनाया जाता है और इसमें आग के चारों दिशाओं को प्रदीपों से रोशन करने का अद्वितीय आनंद होता है। लोहड़ी का त्योहार हर वर्ष 13 जनवरी को मनाया जाता है।

लोहड़ी का महत्वपूर्ण हिस्सा है भारतीय कृषि परंपरा का, जहां इस दिन आग के सामने लोग आशीर्वाद लेते हैं और धन, संतुलन और समृद्धि की कामना करते हैं। यह त्योहार खेतों में अच्छी फसल की प्राप्ति का समय होता है और लोग खुशी से इसे मनाते हैं।

लोहड़ी के दिन लोग मिलकर बोनफायर जलाते हैं और इसे गन्ने के खेतों में करते हैं। इस आग के चारों ओर बैठकर लोग मिठे-मिठे गुड़, रेवड़ी, मूंगफली, तिल आदि का परोसा साझा करते हैं। लोग भीड़ बनाकर गाने गाते हैं, जिससे त्योहार का माहौल और भी खास हो जाता है।

इसे पंजाब में खासतर से बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग गिद्दा-भंगड़ा करके मस्ती का आनंद लेते हैं। इसे पर्व के रूप में नहीं ही मनाया जाता है, बल्कि इसे एक सामाजिक एकता का पर्व भी माना जाता है।

लोहड़ी का त्योहार भारतीय सांस्कृतिक कला, साहित्य और त्योहारों का एक हस्तशिल्प है। यह एक अद्वितीय तरीके से हमें अपने समृद्धि और संपन्नता की कीमत सिखाता है और हमें सभी को मिलकर खुशहाल जीवन बिताने की प्रेरणा देता है।

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Long Essay On Lohri In Hindi | लोहड़ी पर निबंध हिंदी में

प्रस्तावना:

लोहड़ी एक हिन्दी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पंजाब राज्य में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और इसे खासकर खेती के संबंध में आशीर्वाद और शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व को लोग मिलकर बड़े उत्साह से मनाते हैं और इसे लोगों के बीच भाईचारे और समृद्धि की प्रतीक मानते हैं। इस निबंध में हम लोहड़ी के उद्देश्य, क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व, उसकी परम्परा, उपसंग्रह आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे।

उद्देश्य:

लोहड़ी का मुख्य उद्देश्य भूमि के समृद्धि और खेती के लिए ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करना है। इस त्योहार का मतलब यह है कि जब रबी की फसलें तैयार होती हैं और उन्हें काटने का समय आता है, तो लोग इसे धन्यवाद और आभार से मनाते हैं। यह एक प्राचीन परंपरागत त्योहार है जो किसानों की मेहनत की महत्वपूर्णता को समझाता है और उन्हें समृद्धि और खुशियों की कामना करता है।

क्यों मनाया जाता है:

लोहड़ी का त्योहार मुख्यतः खेती से जुड़ा होता है और इसे बसंत ऋतु के प्रारंभ का प्रतीक माना जाता है। इसे खेती की पूरी प्रक्रिया के साथ जोड़ा जाता है, जैसे कि बुआई, पौधों की देखभाल, और अंत में कटाई। खेती में सफलता प्राप्त करने के लिए लोग इसे धार्मिक और सामाजिक महत्वपूर्णता के साथ मनाते हैं। इसे अपनी मेहनत का समर्थन करने का एक तरीका माना जाता है, जिससे वे नए साल में अच्छी खेती और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

लोहड़ी का महत्व:

लोहड़ी का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खेती से जुड़े हुए लोगों के लिए एक आशीर्वाद प्रदान करता है। यह त्योहार विशेषकर पंजाब राज्य में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और यहां के लोग इसे अपनी संस्कृति और विरासत का हिस्सा मानते हैं। इसे खेती से जुड़े अनेक धार्मिक और सामाजिक परंपराओं का प्रतीक माना जाता है जो लोगों को एक साथ आने और मिलकर उत्साह से इसे मनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

लोहड़ी की परंपरा:

लोहड़ी का त्योहार प्राचीन समय से ही चली आ रही है और इसकी परंपरा विभिन्न क्षेत्रों में थोक से मिलती है। यह पंजाब के अलावा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भी मनाया जाता है। इस त्योहार की शुरुआत में लोग एक साथ मिलकर ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश, और सूर्य की पूजा करते हैं। इसके बाद, लोग मिलकर बोरी भरकर अनाज, गुड़, मूंगफली, और तिल इत्यादि भरकर एक बड़ी आग बनाते हैं और उसमें पूजा करते हैं। इस आग में लोग गाने गाते हैं, नृत्य करते हैं और एक दूसरे के साथ आपसी मित्रता का आदान-प्रदान करते हैं। इसके बाद, सभी लोग इस आग में चली जो होती है और उसे प्रशंसा करते हैं। इसके बाद, सभी लोग एक बड़े विशेष भोजन का आनंद लेते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियों का साझा करते हैं। इस प्रकार, लोहड़ी एक सामूहिक और उत्साही त्योहार है जो सभी लोगों को एक साथ ला देता है और उन्हें एक दूसरे के साथ जोड़ता है।

उपसंग्रह:

लोहड़ी का उपसंग्रह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो इस त्योहार को और भी रंगीन बनाता है। इसमें शामिल होने वाले तत्वों में मुख्य रूप से अनाज, गुड़, मूंगफली, और तिल होते हैं। इन सभी चीजों को एक साथ बोरी में भरकर लोग लोहड़ी की आग में डालते हैं और इसे पूजा करते हैं। इसके साथ ही, लोग एक दूसरे के साथ गाने गाते हैं और आपसी मित्रता का आनंद लेते हैं। इसके बाद, सभी लोग एक साथ बड़े भोजन का आनंद लेते हैं और खासकर मिठाईयाँ बनाई जाती हैं जो लोगों को आपसी मित्रता और भाईचारे का अहसास कराती हैं। इस प्रकार, उपसंग्रह लोगों को एक साथ लाने और मिलकर आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक माध्यम है।

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5 Lines Essay On Lohri In Hindi | Lohri par Nibandh

  1. लोहड़ी, पंजाब और हरियाणा राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला एक प्रमुख पंजाबी त्योहार है। 
  2. यह त्योहार सबसे अधिक सुरम्य अग्नि बनाने और उसके चारों ओर बैठकर समृद्धि की कामना करने के लिए प्रसिद्ध है।
  3. लोहड़ी का आयोजन मकर संक्रांति के दिन होता है, जब सूर्य उत्तरायणी ग्रहण में होता है।इस दिन लोग एकत्र होकर बड़ी आग के चारों ओर बैठकर मिठा-मिठा खाना और गाने-नृत्य का आनंद लेते हैं। 
  4. लोहड़ी के त्योहार में मूंगफली, गजक, रेवड़ी और तिल के लड्डू बनाए जाते हैं जो लोग एक दूसरे के साथ बाँटते हैं। बच्चे खुद के हाथों से चीजें बनाकर उन्हें बॉनफायर में डालते हैं और उसकी आग में खुशियों के गीत गाकर नृत्य करते हैं।
  5. लोहड़ी का महत्व विशेषकर सोलर इंग्रेस के साथ जुड़ा होता है और इसे धूप-बत्ती, रेवड़ी और मूंगफली के बॉनफायर के साथ याद किया जाता है। इसे आगे बढ़ाने के लिए लोग आपसी समर्पण और खुशी का अहसास करते हैं। इसके माध्यम से लोग अपने आसपास के समृद्धि और खुशियों की कामना करते हैं।

लोहड़ी पर 10 लाइन | 10 Lines Essay on Lohari

  1. लोहड़ी हिन्दी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाई जाती है और यह पंजाबी समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
  2. यह त्योहार सुख-शांति और खुशी का प्रतीक होता है जो फसलों के कटाई के मौसम के आगमन को चिन्हित करता है।
  3. लोहड़ी के दिन लोग एकत्र होकर बॉनफायर करते हैं जो सर्दी के मौसम में गर्मी और रंग-बिरंगे आभूषणों का सुंदर दृश्य प्रदर्शित करता है।
  4. इसे मैदान में लगाए गए लकड़ी के गठरी जलाकर लोग गाने गाते हैं और मिठाई बांटते हैं।
  5. लोहड़ी का खास पर्व बच्चों के लिए होता है, जो खेतों से लकड़ी के टुकड़ों को एकत्र करके बॉनफायर बनाते हैं।
  6. इस दिन किसान अपनी फसलों का शुक्रिया अदा करने के लिए भगवान सूरज की पूजा करते हैं और खेतों में बोन्साई लगाते हैं।
  7. लोहड़ी के दिन लोग खासकर सरसों के तेल से बनी मूंगफली, गुड़ और तिल की रेवड़ी बनाते हैं और इन्हें प्रसाद के रूप में बांटते हैं।
  8. लोहड़ी के दिन लोग मिलकर धन्यवाद अर्पित करते हैं और एक दूसरे को बधाईयाँ देते हैं।
  9. इसे भारतीय समृद्धि और समृद्धि के रूप में भी मनाया जाता है जो सबको सामृद्धि और समृद्धि की कामना करता है।
  10. लोहड़ी के त्योहार से जुड़ी रीति-रिवाज और मिलनसर आधुनिक दृष्टिकोण ने इसे एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव का रूप दिया है जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ता है।

लोहड़ी पर निबंध हिंदी में 100 | लोहड़ी पर निबंध in hindi

लोहड़ी एक खास पंजाबी त्योहार है जो मकर संक्रांति के पहले दिन मनाया जाता है। इसे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से, विशेषकर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और दिल्ली में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक गतिविधियों, और समृद्धि का प्रतीक है जो सभी आयु वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है।

लोहड़ी का आयोजन मुख्य रूप से खेतों में हुआ करता है, जहां लोग एकत्र होकर मिलते हैं और एक बड़े बोनफायर का आयोजन करते हैं। इस बोनफायर के चारों ओर लोग मिलकर गाते-बजाते हैं और आपस में खिलखिलाते हैं। बच्चे चिड़ाते हैं और खेतों में घूमते हैं, जिससे त्योहार का माहौल बहुत खास होता है।

लोहड़ी का मुख्य पर्व खासकर बुरी खाने का होता है, जिसे ‘तिल’ और ‘गुड़’ का मिश्रण कहा जाता है। इसे पूरे परिवार में बांटकर सभी खाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। इस खास मिठास के साथ लोग मिल-जुलकर खुशियों का इजहार करते हैं।

लोहड़ी के मौके पर लोग खुद को खास ढंग से सजाते हैं, और विभिन्न प्रकार की पंजाबी लोक नृत्यों का आयोजन करते हैं। गाड़ीयां और बैंड बाजे की धूमधाम से लोग त्योहार का आनंद लेते हैं।

इस त्योहार का महत्व भी धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत उच्च है। लोहड़ी का आयोजन सूर्य के उत्तरायण के दिन होता है, जिससे सूर्य देवता की पूजा की जाती है और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना की जाती है।

इस प्रकार, लोहड़ी एक बहुत ही रंगीन और उत्साही त्योहार है जो समृद्धि, समर्पण, और खुशियों का संदेश लेकर आता है। इसके माध्यम से लोग आपसी सजगता और साझेदारी का मौजूदा माहौल बनाए रखते हैं, जिससे समाज में सामंजस्य बना रहता है और सभी एक-दूसरे के साथ खुशियों का अनुभव करते हैं।

लोहड़ी पर निबंध 200-300 शब्दों में | लोहड़ी पर निबंध हिंदी में

लोहड़ी, पंजाब और हरियाणा के लोगों के लिए एक खास और धार्मिक त्योहार है, जिसे वे बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह त्योहार साल के पहले महीने जनवरी में मनाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य गन्ने की कटाई का समापन करना है।

लोहड़ी का आयोजन लोगों के बीच एक बड़े मेले की भांति होता है, जहां लोग एक साथ आते हैं और मिलकर खुशियां मनाते हैं। इस दिन लोग खुले मैदानों में मिलते हैं, जहां उन्हें बाल जलाने के लिए बनाई गई ऊँट की कोई संरचना दिखती है। इस संरचना को ‘छिड़ाई’ कहा जाता है और इसे जलाना लोगों के बीच बौद्धिक सामरिकता का प्रतीक होता है। लोग मिलकर इस छिड़ाई के चारों ओर बैठते हैं और मिठाई, गुड़, रेवड़ी, गाजर हलवा और तिलगुड़ के प्रसाद का आनंद लेते हैं।

लोहड़ी के त्योहार में बोनफायर्स, डांस, और गीतों का आयोजन किया जाता है। लोग रात को एक साथ बैठकर धूमधाम से गाने-बजाने का आनंद लेते हैं और इस पवित्र दिन को खुशियों भरे साथ मनाते हैं।

लोहड़ी का महत्व है क्योंकि यह खुदाई और खेती के मौसम का समापन करने का एक तरीका है, और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे लोग अपने जीवन को नए ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ने का संकेत मानते हैं।

इस प्रकार, लोहड़ी एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ मिलकर आनंद और खुशियों का अहसास कराता है और उन्हें नए आगे की ऊर्जा से भर देता है।

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Lohri Festival: A Celebration of Harvest and Bonfire

Lohri is a popular and vibrant festival celebrated primarily in the North Indian states of Punjab, Haryana, and parts of Himachal Pradesh. This festival holds immense cultural significance as it marks the culmination of winter and the onset of longer days. Typically observed on the 13th of January each year, Lohri is a time for joyous festivities, traditional dance, music, and the lighting of bonfires.

Historical and Cultural Roots:

The origin of Lohri is deeply rooted in cultural and historical traditions. It is believed that the festival has its roots in the tale of Dulla Bhatti, a hero who lived during the reign of Akbar. Dulla Bhatti was known for his acts of generosity, especially towards the poor. During Lohri, people sing folk songs praising his deeds and share the spirit of benevolence.

Celebrations and Rituals:

The heart of Lohri celebrations lies in the lighting of the bonfire. Families and communities gather around a bonfire in the evening, tossing sesame seeds, gur (jaggery), and sugarcane into the flames as offerings. The act symbolizes giving back to nature and invoking the blessings of the fire deity, Agni. People circle around the fire, singing traditional songs and performing the bhangra and gidda dances, adding to the festive atmosphere.

Harvest Festival:

Lohri is also considered a harvest festival, and the newly harvested crops play a vital role in the celebrations. The freshly harvested sugarcane, sesame seeds, and other crops are used in preparing traditional sweets and dishes. These delicacies are then shared among family members and neighbors, fostering a sense of community and togetherness.

Traditional Attire and Music:

People dress in vibrant traditional attire during Lohri. Men often wear colorful turbans and kurta-pajamas, while women adorn themselves in bright salwar kameez or lehenga-cholis. The beats of dhol (drum) and the tunes of popular Lohri songs fill the air, creating a lively and spirited ambiance.

Social Bonding:

Lohri provides an excellent opportunity for social bonding and strengthening community ties. Families come together, exchange greetings, and share the warmth of the bonfire. It is a time when people forget their differences and celebrate the unity in diversity.

Conclusion:

In conclusion, Lohri is not just a festival; it is a celebration of life, warmth, and the spirit of giving. As the bonfire lights up the winter night, it symbolizes the triumph of good over evil and the promise of brighter days ahead. Lohri, with its rich cultural heritage, continues to be a cherished and exuberant festival, bringing communities together in a tapestry of joy and tradition.

10 lines on lohri festival in english | lohri essay in english

  1. Lohri is a popular Punjabi festival celebrated primarily by the Sikh and Hindu communities, marking the winter solstice.
  2. The festival usually falls on the 13th of January and holds immense cultural significance in the northern regions of India.
  3. Bonfires are lit on the eve of Lohri, symbolizing the triumph of good over evil and the end of winter.
  4. People gather around the bonfire, sing traditional songs, and perform the energetic Bhangra dance, expressing joy and gratitude.
  5. Lohri is also associated with the harvesting of winter crops, particularly sugarcane, which is often a central element of celebrations.
  6. Families and friends come together to share delicious traditional foods like sesame seeds, jaggery, and various nuts during Lohri.
  7. The festival holds religious importance, with prayers offered to seek blessings for prosperity and a good harvest in the coming year.
  8. Children often go from door to door, singing Lohri songs and receiving sweets and money as a part of the festive tradition.
  9. It is believed that the day after Lohri, the days start becoming longer, marking the gradual shift towards warmer weather.
  10. Lohri fosters a sense of community and cultural identity, promoting joy, warmth, and unity among people celebrating this vibrant and lively festival.

Conclusion: 

Lohri Essay In Hindi: लोहड़ी पर निबंध का समापन करते हुए, हम यहाँ जीवन की सार्थकता और खुशियों के साथ एक समृद्धि भरे समाज की ओर कदम बढ़ाते हैं। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है जो हमें साझा करने का अवसर प्रदान करता है। लोहड़ी एक ऐसा पर्व है जो हमें संबंधों को मजबूती से जड़ने का और समृद्धि की ओर बढ़ने का मौका देता है।

इसे मनाने का तरीका हमें हमारे प्राचीन रीति-रिवाजों को निभाने का अवसर प्रदान करता है जिससे हम अपनी संस्कृति को आत्मसात कर सकते हैं। लोहड़ी के इस उत्सव में हम समृद्धि, समर्पण, और साझेदारी की भावना को बढ़ावा देते हैं जो हमें एक साजग और समृद्धि भरे समाज की दिशा में एकजुट करता है। इस खास मौके पर, हम सभी को एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ मनाने का आनंद लेना चाहिए और समृद्धि की कामना करनी चाहिए। इसी भावना के साथ, हम लोहड़ी के उत्सव को समाप्त करते हैं, जो हमें संबंधों का महत्व और साझेदारी की आवश्यकता को साकार करता है।आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का लोहड़ी पर निबंध, lines about lohri, Lohri Essay In Hindi, Lohri Festival Essay, Essay On Lohri in Hindi, 5 Lines Essay On Lohri In Hindi , लोहड़ी पर निबंध हिंदी में 100, Lohri par Nibandh, लोहरी पर 10 लाइन, 10 Lines Essay on Lohari, लोहड़ी पर निबंध in hindi 10 lines, लोहड़ी का त्यौहार पर हिंदी निबंध, Hindi Essay on Lohri, लोहड़ी पर निबंध 200-300 शब्दों में, Short Essay On Lohri In Hindi, Long Essay On Lohri In Hindi, 10 lines on lohri in hindi, essay on lohri festival in hindi, लोहड़ी पर निबंध हिंदी में, लोहड़ी पर निबंध in hindi, lohri essay in english, 10 lines on lohri festival in english यह लेख पसंद आया होगा और ऐसे ही लेख को पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट gyandoor.in  को विजिट करते रहे  और नोटिफिकेशन को अलाउ कर ले जिस से हमारे अगले आने वाले लेख की नोटिफिकेशन आपको पहले मिल सके!

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